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उत्सर्जन तंत्र: शरीर की सफाई व्यवस्था

उत्सर्जन तंत्र: शरीर की सफाई व्यवस्था

हमारे शरीर में अनावश्यक और हानिकारक अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न होते हैं जिन्हें बाहर निकालना आवश्यक होता है। इस कार्य को उत्सर्जन (Excretion) कहा जाता है, और इसे करने वाली प्रणाली को उत्सर्जन तंत्र कहते हैं। यह प्रणाली शरीर की आंतरिक स्वच्छता बनाए रखती है।

मुख्य अंग

  • वृक्क (Kidneys): रक्त से यूरिया, जल, लवण आदि को छानकर मूत्र बनाते हैं।
  • गुर्दे की शिराएं (Renal Arteries & Veins): रक्त को गुर्दों तक लाती और वापस ले जाती हैं।
  • मूत्रवाहिनी (Ureters): मूत्र को वृक्क से मूत्राशय तक पहुंचाती है।
  • मूत्राशय (Urinary Bladder): मूत्र को अस्थायी रूप से संग्रहित करता है।
  • मूत्रमार्ग (Urethra): मूत्राशय से मूत्र को शरीर से बाहर निकालता है।

कार्य प्रणाली

वृक्क रक्त से अपशिष्ट छानते हैं और उसे मूत्र के रूप में संग्रह करते हैं। मूत्रवाहिनी उसे मूत्राशय तक पहुंचाती है, जहाँ संग्रह होने के बाद मूत्रमार्ग के द्वारा वह शरीर से बाहर निकलता है।

शरीर के अन्य उत्सर्जन माध्यम

  • त्वचा: पसीने के द्वारा पानी और लवण बाहर निकालती है।
  • फेफड़े: श्वसन के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालते हैं।
  • यकृत: अपचित प्रोटीन को यूरिया में परिवर्तित करता है।

रोचक तथ्य

  • एक सामान्य व्यक्ति प्रतिदिन लगभग 1 से 1.5 लीटर मूत्र निकालता है।
  • वृक्क लगभग 50 बार पूरे शरीर का रक्त छानते हैं हर दिन!
  • वृक्क के अंदर 10 लाख से अधिक नेफ्रॉन (Nephron) होते हैं, जो मूत्र निर्माण की इकाई हैं।

Mermaid चार्ट द्वारा प्रक्रिया

graph TD
A[रक्त] --> B[वृक्क (Kidneys)]
B --> C[मूत्र बनता है]
C --> D[मूत्रवाहिनी (Ureters)]
D --> E[मूत्राशय (Bladder)]
E --> F[मूत्रमार्ग (Urethra)]
F --> G[मूत्र बाहर]
  

स्वास्थ्य सुझाव

💧 अधिक पानी पिएं: यह वृक्क की कार्यक्षमता बढ़ाता है।
🥗 संतुलित आहार: प्रोटीन और नमक का संतुलन बनाए रखें।
🚫 शराब और धूम्रपान से बचें: ये वृक्क को नुकसान पहुँचा सकते हैं।


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यह पोस्ट Science Hindi ब्लॉग की श्रृंखला का हिस्सा है।

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